Powered By Blogger

Saturday, 27 November 2010

भ्रष्टाचार, घोटालों और घपलों के मुखिया का यह कैसा गौरव दिवस : पचौरी

भ्रष्टाचार, घोटालों और घपलों के मुखिया का यह कैसा गौरव दिवस : पचौरी
कहा- अपने ही गुणगान में लगे हैं शिवराज
भोपाल, 27 नवंबर 2010 (मप्र ब्यूरो)। प्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान घोषणाओं की झड़ी लगाने में अव्वल हैं। उन्होंने अपने मुख्यमन्त्रित्वकाल में न जाने कितनी घोषणाएं कर दी होंगी किन्तु अमल कितने पर हुआ यह उन्हें भी नहीं पता। वह तो अपना ही सिर गर्व से ऊंचा करने में ही अपनी शान समझते हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। कानून व्यवस्था की धिायां उड़ी हुई है। रोजगार के साधन नहीं है। शिक्षित लोग रोजगार के अभाव में प्रदेश से पलायन करने को मजबूर हैं। यह सब मुख्यमन्त्री को नज़र नहीं आता। अपनी सरकार होने के कारण दागी साथियों को भी साफ बचा ले जाते हैं। इन सब के बीच वे गौरव दिवस मनाने जा रहे हैं। समझ में नहीं आता है कि यह गौरव दिवस है या शर्मनाक दिवस। आखिर किस बात का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। यह आरोप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने पत्रकारवार्ता में लगाये।
श्री पचौरी ने कहा कि मुख्यमन्त्री को अपनी पीठ थपथपाने की बजाय प्रदेश की तरôी के लिए ईमानदारी से प्रयास करने चाहिए। जिस तरह से खुद के प्रचार और विज्ञापनों पर शासकीय धन की फिजूलखर्ची की जा रही है उससे किसी समस्या का निदान नहीं होने वाला। इन सब बातों से परे मुख्यमन्त्री को प्रदेश की जर्जर होती कानून व्यवस्था, साम्प्रदायिक घटनाओं, महिलाओं, बच्चों और दलितों पर हो रहे अपराधों के मामलों से निजात दिलाने की ओर प्रयास करना चाहिए। लेकिन उन्हें अपने ही गुणगान से फुर्सत नहीं। न जाने किस बात को लेकर वे आगामी 29 नवंबर को गौरव दिवस मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस गौरव दिवस को मनाने की तैयारियां इन दिनों भाजपा मेंं जोर-शोर से चल रही है उन पर करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची हो रही है। गौरव दिवस के नाम पर सरकारी मशीनरी का दुरुपोग किया जा रहा है। अपने बखान में मुख्यमन्त्री कहते हैं कि मध्यप्रदेश विकास में अग्रणी है, तरôी कर रहा है। परन्तु हकीकत ठीक इसके विपरीत है। यदि शिवराज सरकार के कार्यकाल पर नज़र दौड़ाये तो भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। आए दिन प्रदेश के आला अधिकारियों के यहां आयकर छापे पड़ रहे हैं। प्रदेश की आदिवासी महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। यहां की कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। प्रदेश सरकार कागजी रिकार्ड में तो शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और अन्य बुनियादी सुविधाओं के मामले में अव्वल दिखती है लेकिन हकीकत में है कुछ भी नहीं। फिर भी समझ में नहीं आता कि वे किस बात का गौरव दिवस मना रहे हैं।
श्री पचौरी ने बताया कि पिछले तीन साल में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में प्रदेश अव्वल रहा है। इस प्रकार की यहां लगभग 500 घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं महिलाओं पर अत्याचार के मामले में भी नंबर एक हो गया है। प्रदेश में भूखमरी की हालत यह है कि यहां कुपोषण के मामले देश के किसी भी प्रदेश से सबसे ज्यादा है। इन सबसे परे उन्हें गौरव दिवस मनाने की पड़ी है। कर्ज के मामले में यदि नज़र डाली जाए तो जहां 2003-04 में प्रदेश सरकार पर लगभग 27 हजार करोड़ रुपए था वहीं वित्तीय वर्ष 2009-10 में यह बढ़कर लगभग 54 हजार करोड़ रुपये हो गया है। श्री पचौरी ने आरोप लगाया कि किसानों का मसीहा बताने वाले मुख्यमन्त्री के राज में सबसे ज्यादा किसान ही परेशान हैं। किसानों को खेती के लिए न तो खाद-बीज मिल रहा है और न ही बिजली। चुनावों के समय सरकार ने किसानों से 50,000 रुपए तक के कर्ज माफी का वादा किया था जिसे आज उसने भुला दिया है। साथ ही किसानों को 3 प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज देने का िढंढोरा भी पीटा गया था परन्तु उस पर आज तक अमल नहीं हो पाया है। प्रदेश के नवयुवकों को रोजगार न मिलने की स्थिति में पलायन को मजबूर हो रहे हैं। यही नहीं, प्रदेश सरकार कर्मचारियों से छलावा करने में भी पीछे नहीं है। जहां कर्मचारियों को छठे वेतन की सिफारिशें लागू करने की बात की थी वह आज तक जस की तस ही है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमन्त्री पंचायतें बुलाने में खासी दिलचस्पी रखते हैं। किन्तु प्रदेश में लागू त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के चुने हुए जन प्रतिनिधियों को अधिकारविहीन कर दिया है। क्योंकि शासन ने इनके अधिकार अपने हाथों में ले लिए हैं। पंचायतों के अधिकारी चुने हुए जनप्रतिनिधिों की कोई परवाह नहीं कर रह हैं। उनके साथ दलगत राजनीति के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। श्री पचौरी ने बताया कि अपनों को उप—त करने के लालच में चलते शिवराज ने घपले, घोटालों फेहरिस्त काफी लंबी कर ली है। उन्होंने अपने शासनकाल में कतिपय मन्त्रियों, उनके रिश्तेदारों और करीबी लोगों को खनिज संपदा की लूट, रायल्टी चोरी एवं अवैध उत्खनन की खुली छूट दे दी है। प्रदेश में कानून और नियमों को धता बताकर सैकड़ों खदानें स्वी—त की गई हैं। मुख्यमन्त्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में रेत खदानों को लेकर चल रही अवैध वसूली एवं रायल्टी चोरी के अनेक प्रकरण सामने आये हैं। इसी तरह जमीन घोटाले के मामले में प्रदेश सरकार ने आरएसएस एवं भाजपा से जुड़ी संस्थाओं (विश्व हिन्दू परिषद, विद्यार्थी परिषद, सेवा भारती, सरस्वती शिशु मन्दिर, ग्राम भारती एवं सरस्वती बाल कल्याण समिति आदि) को हजारों एकड़ बेशकीमती जमीनों को कौड़ियों के दाम पर आवंटित की है। इसके साथ ही कुछ खास पूंजीपतियों को भी रियायती दरों पर जमीन आवंटित की है। श्री पचौरी ने बताया कि अपने मुंह से अपनी तारीफ करने से बेहतर होगा कि शिवराज सिंह प्रदेश की तरôी से लिए ईमानदारी से प्रयास करे। बिगड़ी कानून व्यवस्था को सुधारे और प्रदेश में रोजगार के साथ उपलब्ध कराए जिससे यहां के नौजवानों को पलायन का रास्ता न अपनाना पड़े। प्रदेश में आए दिन होने वाली लूट, बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश लगाए एवं प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराए। बेलगाम अफसरों पर नकेल कसे जिससे प्रदेश की जनता को राहत मिल सके।
आर.एस. अग्रवाल
9826013975
लोकवार्ता इंटरनेट समाचार सेवा

No comments:

Post a Comment